दर तेरे आने की, दर्शन तेरा पाने की (तर्ज़ :स्वरचित )
दर तेरे आने की, दर्शन तेरा पाने की
दिल में तमन्ना है,तुझको रिझाने की!!
बिन महर तेरे,क्या दर कोइ आ पाता
आने की क्या है बात,चल नहीं पाता..
दर तेरे आने की, दर्शन तेरा पाने की
दिल में तमन्ना है,तुझको रिझाने की!!
नहीं मीरा सी भक्ति,नहीं भाव सुदामा सा
नहीं करमा मैं कोइ,नहीं हूँ मैं नरसी सा..
दर तेरे आने की, दर्शन तेरा पाने की
दिल में तमन्ना है,तुझको रिझाने की!!
कब होगी महर तेरी,कब नज़र तुम्हारी श्याम
दे भक्ति भाव मुझमे,आऊं मैं दर तेरे धाम...
दर तेरे आने की, दर्शन तेरा पाने की
दिल में तमन्ना है,तुझको रिझाने की!!
क्या पाप किये मैंने,क्या भूल हुई है श्याम
पापी कितने तारे, 'टीकम' तो तेरा गुलाम..
दर तेरे आने की, दर्शन तेरा पाने की
दिल में तमन्ना है,तुझको रिझाने की!
जय हो मेरे श्याम सांवरिया की
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लीला लेजा मेरा सन्देश,कहना बाबा से
लीला लेजा मेरा सन्देश,कहना बाबा से
बैठा भक्त तेरा परदेश,कहना बाबा से..
बाबा से मेरे बाबा से ..!!लीला लेजा ...
बाबा बुलाता नहीं,लेता रहा कर खबर
करना गुजारीश मेरी,बाबा से रखे महर
मुझे देते रहे निर्देश,कहना बाबा से ....
लीला लेजा मेरा सन्देश.....
जमाने की नज़रें बुरी, मैं क्यों उनसे डरूं.....
रहे बाबा की नज़रें मेरी,फिर परवाह नहीं मैं करूँ
रके ऐसा ही परिवेश ,कहना बाबा से ...........
लीला लेजा मेरा सन्देश.....
कुछ मेरी है मजबूरी,,कुछ ढलती उमर का है दोष.....
लीला करना नहीं देरी, मन्दा 'टीकम' की आहों का जोश
बुलाते रहें अपने देश,कहना बाबा से ...................
लीला लेजा मेरा सन्देश.....
लीला लेजा मेरा सन्देश,कहना बाबा से
बैठा भक्त तेरा परदेश,कहना बाबा से..
बाबा से मेरे बाबा से ....
लीला लेजा मेरा सन्देश...
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