आपमें से ज्यादातर पाठकगण इस मेले से अवगत है | एक ऐसा मेला जिसमे अपार भक्त स्नान करने देश विदेश से अति भारी संख्या में मेला स्थान पर पहुँचते है और भक्तिमय और पाप नाशक अमृत जल में स्नान करके पूण्य प्राप्त करते है | इसे हम दुनिया का सबसे बड़ा मानव मेला भी कह जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी | हर मेले में करोडो श्रद्धालु कुम्भ पर्व स्थल में शामिल होते है |
पूराणों की कथा के अनुसार एक बार देवताओ और दानवो के बीच हुए युद्ध में दानवो की जीत हुई और देवराज इंद्र को अपना स्वर्ग छोदना पड़ा | सभी देवता भगवान् विष्णु की शरण में गए और सारा वृतान्त सुनाया। भगवान् विष्णु ने उन्हें अमरता प्राप्त करने वाले अमृत के बारे में बताया जो की क्षीरसागर का मंथन करके ही प्राप्त किया जा सकता था | इस मंथन में बड़ी शक्ति की जरुरत थी अत: देवताओ को दानवो का भी साथ चाहिए था अत: दोनों ने संधि कर ली |
अब मंथन का कार्य शुरू किया गया और कई साल चला | तब जाके अमृत-कलश समुन्द्र से निकला | भगवान् विष्णु ने मोहिनी का रूप धर कर अमृत कलश अपने पास ले लिया और अपने गरुड़ को इसे सही जगह ले जाने की बात कही | इस कलश को ले जाते वक़्त गरुड़ को दानवो से संघर्ष करना पड़ा और इस कलश की 4 किमती बुँदे 4 जगहो पर पड़ी जहा अब कुम्भ मेले का आयोजन होता है | यही चार जगह इलाहाबाद , उज्जैन प्रयाग और नासिक है |
यह भव्य मेला - हरिद्वार , उज्जैन प्रयाग और नासिक में भरता है | हर 12 साल में जगह बदल बदल कर यह मेला इन चार जगह पर बारी बारी से भरता है | 3 साल के अंतराल पर मेला उसी स्थल पर लगाया जाता है | सबसे बड़ा कुम्भ मेला इलाहाबाद का माना जाता है |
14th July मंगलवार राम कुंड में झंडा रोहन
14th August शुक्रवार सधुग्राम अखारा में झंडा रोहन
26th August बुधवार सावन सुधि पहला स्नान
29th August शनिवार पहला शाही स्नान
13th September रविवार दुसरा शाही स्नान
18th September शुक्रवार तिसरा शाही स्नान
25th September शुक्रवार भाद्रपद शुक्ला द्वादशी वमन द्वादशी स्नान
देखे कुम्भ मेले को फोटो तस्वीरो में
कुम्भ मेला और नागा साधु
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