कैसे मनाये गुरु पूर्णिमा पर्व
गुरु पूर्णिमा गुरु और शिष्य के प्रेम और समर्पण का त्यौहार है | इस दिन अपने अपने गुरुदेव के सानिध्य में आकर गुरु का सम्मान करना चाहिए | गुरु जिन्होंने अपने ज्ञान रुपी प्रकाश से हम्हारे जीवन में तिमीर को दूर किया , यह जीवन उनका ऋणी है |
क्या करे गुरु पूर्णिमा के दिन :
सुबह उठते ही बिस्तर में आत्म चेतन अवस्था में हाथ जोड़ कर और आँखे बंद करके मन की चंचलता को रोककर अपने समस्त गुरुओ को याद करे , उनका नमन करे |
अपने गुरु में पूर्ण श्रद्धा रखे और उनके उपकारो को भूले नहीं |
इस दिन महर्षि वेद व्यास , वाल्मीकि , शंकराचार्य और समस्त महा संतो का स्मरण करे |
हो सके तो एक पवित्र हवन गुरु देव के लिए रखे और ॐ गुरु देवाय नमः मंत्र से आहुति दे |
अपने प्रथम गुरु अपनी माँ को कोई अच्छा सा उपहार दे और प्यार दे |
यदि आपके गुरु आश्रम में रहते है तो परिवार के साथ जा कर उनसे मिले और आशीष ले |
गुरु को अपने सामर्थ के अनुसार दक्षिणा दे | वेसे दक्षिणा बहूत छोटी चीज है गुरु के लिए क्योकि किसी ने ठीक ही कहा है :
विश्वा गुरु तव अर्चना में और पूजन क्या करे ::
जब की तन मन धन तुम्हारे और अर्पण क्या करे
कबीरा ते नर अंध है गुरु को कहते और
हरि रूठे गुरु ठौर है गुरु रूठे नही ठौर
अर्थात अज्ञान वश भगवान् नाराज हो जाये तो गुरु संभाल लेंगे पर गुरु नाराज हो जाये तो कोई ठोर नही |
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